Friday, July 30, 2010

जो भरा नहीं है भावों से

जो भरा नहीं है भावों से बहती जिस में रसधार नहीं
वह ह्रदय नहीं वह पत्थर है,जिस में स्वदेश का प्यार नहीं.
-: मैथिलीशरण गुप्त

1 comment:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

इन पंक्तियों के साथ कवि का नाम भी लिखें ....